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जीवन कोंतमवार और राजेश्वर सुरावार के सोमनाथ रोड मूल के खेत मे मकडी के जाल की तरहसे फैले बिजली के तार जिले के पालकमंत्री सुधीर भाऊ मुनगंटीवार के निवास कार्यालयिन सचिव राजेश्वर सुरावार के चलते महावितरण के अधिकारियोने बगैर डिमांड खेत मालिकोंसे रुपया ना जमा करवाते हुवे महावितरण की तिजोरी से चुना लगा कर बिजली के तारोंका जाल हटवा दिया !? अब इस खेतमे सिर्फ बिजली के तारोके खंबे खडे है !? जबके बिजली के तारों का जाल हटवाने खेत मालिक को 25 से 30 ( पच्चिस से तीस ) लाख रुपयोंकी डिमांड भरना पडती थी !
क्या महावितरण के भ्र्ष्टाचार महर्षियों पर होगी कोई कार्यवाही ???
पहले यह खेत चंद्रशेखर दत्तात्रय धर्माधिकारी और लक्ष्मीकांत दत्तात्रय धर्माधिकारी बंधुओं का था ! उनसे जीवन कोंतमवार ने बिकत लिया था !
अब इस खेत के कुछ हिस्से पर जीवन कोंतमवार ने राजेश्वर सुरावार ( जिलेके पालकमंत्री के निवास कार्यालय मे कार्यरत ) का भी दर्ज करवादिया है !
धर्माधिकारी बंधुओं के मालिकाना हक मे यह खेत था तब यह खेत ग्रीन बेल्ट में था ! इस खेतके अगल बगल में दूर दूर तक किसीके भी खेत येलो बेल्ट में नही है !
लेकिन जीवन कोंतमवार और राजेश्वर सुरावार के तीन तिकडम से मूल नगर परिषद के पूर्व प्रशाषक इस खेत को ग्रीन बेल्ट से येलो बेल्ट में परिवर्तित कर दिया ! याने उस खेती की जमीन को रहिवासी निवास की जगह में इस्तेमाल करने फेरफार पूरी तरहसे नियमबाह्य तरीकेसे कर दिया गया है ! ग्रीन बेल्ट से येलो बेल्ट करवाने मोटे मालसे हाथ पीले किये गये !
एक तो महावितरण के मूल उपशाखाके कथित अधिकारियोंने खेत मालिक से बिजली के तार हटवाने का डिमांड नही भरवाया उनके लाखोंका खर्च बचा दिया और महावितरण के तिजोरिको चुना लगा दिया था !
इस संबंध मूल कार्यालय के कथित अधिकारियोंसे पूछनेपर वह चंद्रपुर के कार्यकारी अभियंता के कार्यालय की ओर उंगली उठाकर सीधे उन्हीपर दोषारोपण कर रहे है कि , हमने उनके आदेश से बिजली के तार कोंतमवार और सुरावार के खेतसे हटाये थे !
इस प्रकरण की भी गंभीरतापूर्वक जाँच होनी चाहिये और दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिये !
जीवन कोंतमवार का पूर्वेतिहास अपराधोंसे भरा पडा है साल २०१० मे मूल में यशोदा सीड प्रकरण में उन्हें ब्लैकमेलिंग कर लाखोंकी रिश्वत मांगने के मामले में इसे गिरफ्तार तक किया गया था !
उसी तरहसे शासकीय धानकी खरेदी प्रकरण मे भी जीवन कोंतमवार का नाम काफी चर्चित हुवा था ! उसी तरहसे आमगांव गोंदिया मे भी इसके खिलाफ साल 2023 में मामला दर्ज हुवा था ! इतना ही नही तो गोंदिया से प्रकाशित होने वाले दैनिक कशिश के 17 मई 2023 के अंक में जीवन कोंतमवार के शासकीय धान खरेदी प्रकरण सुर्खियोंमे प्रकाशित हुवा था और ट्रक भी जब्त किये गये थे ! बतलाया जाता है कि , इस मामलेमें भी सत्ताधारी राजनेता के चलते अभी हालहीमें मंत्रालय से करीब ३३ करोड ₹ ( तेहतिस करोड रुपये ) का रुका हुवा बिल भी राजकीय तीन तिकडम से हालहीमें इसे मिल गया !
महावितरण के बिजली तारों के नियमबाह्य तरीकेसे हटवा देने के मामलेमें महावितरण के भ्र्ष्टाचार के गर्त में डूबे अधिकारियोंपर और खेत को ग्रीन बेल्ट से येलो बेल्ट में फेरफार करने की हेराफेरी का मामला भी उजागर होना चाहिये ! महाराष्ट्र शासन ने इस अतिगंभीर प्रकरण ओपन करके अपराधियों के खिलाफ कडी से कडी कार्यवाही होनी चाहिये !
उसी तरहसेसाल 2010 मे हिंगणघाट के यशोदा सीड्स के मूल के सहकारीयों से जीवन कोंतमवार ने लाखोंकी रिश्वत
मांगी थी तब यशोदा सीड्स वालोंने रूपये लेने चंद्रपुर स्थित सिद्धार्थ हॉटेल में बुलाया था !
तब एंटीकरप्शन वालोंने इन्हें धर दबोचा था ! इतना ही नही तो इनका रिमांड तक लिया गया था !
जीवम कोंतमवार खेतके बिजली तारों वाला समाचार और खेत को ग्रीन बेल्ट से येलो बेल्ट में परिवर्तित करने और निवासी जगह बनाने वाला समाचार मैने व्हायरल करने पर जीवन कोंतमवार मुझे मोबाईल से कई फोन किये और वाट्सएप काल तक किये लेकिन मैंने इसके फोन तक नही उठाये थे !
उसके बाद यह शख्स मेरे गाँधी चौक स्थित ऑफिस में आया था तो मैंने इसको भगा दिया था और इसको धमकाकर कहा था के खबरदार मेरे ऑफिस में कभी कदम मत रखना !
उसके बाद इसने अपने बिजनेस पार्टनर श्री हिरेन शाह को मेरेसे समझौता करने भेजा था !
उसी तरहसे काँग्रेस के नेता जिला मध्यवर्ती को ऑप . बैंक के अध्यक्ष श्री संतोषसिंग रावत से खुद मिलकर मुझे रावत के जरिये फोन तक करवाया था !
अब आज इस महाशातिर सर्वगुण संपन्न शख्स ने श्रीकृष्णा ग्रुप में गंदे शब्दोंमें दूधका धुला बनकर मैंने इससे 10 लाख ( दस लाख ) रुपये मांगे थे ऐसा झुठा आरोप लगाया है !
कोईभी समाचार छापने से पहले समाचार व्हायरल करनेसे पहले रिश्वत मांगी जाती है ? जबके मैने तो इसके खिलाफ वह समाचार सभी ग्रुप्स मे जिलेभर में व्हायरल किया था !
इतना ही नही तो महावितरण के आला अधिकारियों और महाराष्ट्र शासन के सभी को व्हायरल किया था !
इस शख़्सने मेरे खिलाफ मूल पोलिस स्टेशन में झूठी रीपोर्ट तक दर्ज करवाई है ! फिरभी आज दिनांक 16 अक्टूबर को सबेरे 9.49 बजे इस शातिर शख्स जीवन कोंतमवार ने व्हाट्सऐप कॉलिंग से मेरे मोबाईल नंबर पर मिस कॉल किया था !
मैंने 1993 के दाऊद गिरोह के कई शातिर अपराधियोंको को दिल्ली पुलिस के जरिये पकडवा दिया था !
दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप श्रीवास्तव ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि ” जो काम सी बी आई और दिल्ली पुलिस नही कर सकी वह बबल ब्लॉस्ट अशरफ मिस्त्री ने किया ,अशरफ मिस्त्री पूरी जाँचमे हमारे साथ थे !
उस प्रकरण में मैंने रिवार्ड की रकम तक नही उठाई थी ! जबके दाऊद गिरोह का3 गव्ह्रर्नमेंट व्हॅल्यू से 400 करोड ( चारसौ करोड ) रुपयोंकी चलअचल संपत्ति जब्त की गई थी और करीब 30 ( तीस ) लोग गिरफ्तार किये गये थे जो सालोंतक सलाखों के पीछे जेलोंमें बंद थे !
अब इस शातिर शख़्सने एक वीडियो व्हायरल कर उसे बम से उड़ा देनेकी धमकी देनेका और मेरे संबंध माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम से होनेका झूठा इल्जाम लगाकर मुझे बदनाम करनेका खेल विधानसभा चुनाव की आचारसंहिता लगने के बाद किया है !
जीवन कोंतमवार के इस साजिश मे मूल पोलिस के भ्र्ष्टाचार के गर्त में डूबे हुवे जिनके कारनामे उजागर किये गये थे वह सभी और जिस कन्नमवार सभागार मे मंत्रियों के सत्कार सभा सम्मेलन होते हैं और पर्दे के पीछे उसी सभागार में किसी कर्मचारी के बीवी को बुलाकर अय्याशियाँ करनेवाले सफेदपोश और महावितरण के जीवन कोंतमवार के खेतसे बिजली के तार बगैर डिमांड भरवाये हटवा देनेवाले अतिचर्चित अधिकारी और अवैध प्रतिबंधित जानलेवा गुटका ज़ खर्रा , माजा , नकली सुपारी ईगल पन्नी , नकली शराब बेचनेवाले , जुआ अड्डेवाले , सट्टाकिंग सभी दो नंबरी इस साजिश मे शामिल है !