मूल पुलिस के सुस्त रवय्ये के चलते अवैध कारोबारियों गुंडातत्वों ,असामाजिक तत्वों के लिये न्याय व्यवस्था कानून बना मजाक ?
जिला पोलिस अधीक्षक सुदर्शन मुमक्का के कडे तेवरों के और चंद्रपुर अपराध शाखा के पोलिस निरीक्षक महेश कोंडावर के स्टॉफ के पूरे जिलेमें की जा रही नाकाबंदी छापेमारी के चलते उसी तरह पूरे जिलेके थाना इंचार्जों और पुलिस स्टॉफ के कडे बंदोबस्तों के चलते जिलेभर के सट्टा अड्डे , जुआघर , अवैध शराब अड्डे चलानेवाले माफिया , जानलेवा प्रतिबंधित अवैध गुटका खर्रा ,माजा , तंबाकू ,नकली मिठी सुपारी का कई ज़िलोंमे करोडों का रैकेट चलाने वाले माफिया सरगना जयसुख और वसीम जिलेके तहसीलों के अपने गोडाऊन बंद कर दिये हैं !
लेकिन मूल तहसील और मूल के आसपास की पोंभुर्णा , सावली , सिंदेवाही तहसीलों के कई गांव इनके अवैध कारोबार के लिये सुरक्षित स्थल पनाहगाह बने हुवे है !
मूल से चंद फासले की दूरी पर स्थित राजुली नामक गाँव मे अवि नामका शख्स कभी खेतोंमें तो कभी घरोंमें लाखोंका जुआ अड्डा आयेदिन भराता है ! इसके अड्डे पर दूरदराज के गाँवोंके जुआड़ी कारोंसे टू व्हिलरोंसे जुआ खेलने आते हैं !
बतलाया जाता है के अविके इस जुआ अड्डेपर लाखोंका जुआ खेला जाता है ! जुआडियोंके लिये शराब का और खानेका भी इंतजाम रहता है ! आश्चर्य तो इस बातका है अवि के इस जुआ अड्डेपर मूल पुलिस ने आजतक रेड नही डाली ?
मूल शहर में बिपिन , सोहेल , अतुल इन सट्टाकिंगों कामूल तहसील के और सावली ,सिंदेवाही गांवगांव में लाखोंकी सट्टा पट्टियों का कारोबार चलता है ! इतना ही नही तो गडचिरोली जिलेसे तक सट्टा पट्टिया इनके पास इनके गुर्गे लाते हैं और मोबाईल फ़ोनसे से भी सट्टा पट्टीयां इनके पास जमा होती है ! इन सट्टाकिंगो ने लाखोंकी चल अचल संपत्ति जिलेमें कई जगह बना ली है ! लेकिन इनपर भी मूल पुलिसने कभी रेड नही डाली ?
उसी तरहसे भेजगांव – येजगांव और मूल में लाखोंके कई जुआ अड्डे सरेआम चलाये जा रहे हैं ! आशीष , अंकुश , ताश्या और कोई वाढई नामका
मूल पोलिस स्टेशन में पाँच – छह सालोंसे इतना ही नही तो सात – सात सालोंसे डेरा जमाये बैठे पुलिस वाले कैसे क्या इन जुआ अड्डे वालोंसे ,सट्टाकिंगों से , अवैध शराब के लाखोंके कारोबारियोंसे , अवैध जानलेवा प्रतिबंधित गुटका खर्रा , माजा , नकली मीठी सुपारी , ईगल पन्नी का लाखोंका अवैध कारोबार करनेवालोंसे और उनके अड्डोंसे कैसे क्या अंजान है ?
पिछले सात सालोंसे मूल थानेमें ही चिपके बैठा पुलिसवाला तो सरेआम कहता फिर रहा है के मुझे एक साल का औरसे मूल थानेमेही रहने का टाईम मिला है , ” किसीके बापकी ताकत नही के एक सालसे पहले मेरी ट्रांसफर करा सके !? ”
उसि तरहसे मूल तहसील के चितेगांव , फिस्कुटी , चांदापुर , डोंगरगांव , चिरोली , भेजगांव , येजगांव आदि गांवो में और सावली तहसील , सिंदेवाही तहसील और पोंभुर्णा तहसील मे जयसुख – वसीम के गुर्गों के जरिये अवैध प्रतिबंधित जानलेवा गुटका , खर्रा , तंबाकू , माजा , नकली मीठी सुपारी के गोडाऊन रखे हैं !
जहाँ लाखोंका गुटका खर्रा माजा आदि रखा जाता है !
जिलेभरके वनसडी , कोरपना , गड़चांदूर , वरोरा , बल्लारपुर ,भद्रावती ,राजुरा ,
गोंडपिपरी आदि जगहों पर
जयसुख और वसीम के अवैध प्रतिबंधित जानलेवा गुटका ,खर्रा , तंबाकू , नकली मीठी सुपारी , ईगल पन्नी माल बेचनेवाले मूल के जेठ्या अनिल ,राठोड , सचिन आदि गुर्गे यह सब माल इन जगहों पर पहोचनेका काम करते है !
मूल तहसील के कई जगहों पर चंद्रपुर अपराध शाखा के पोलिस निरीक्षक महेश कोंडावार के स्टॉफने पोलिस अधीक्षक सुदर्शन मुमक्का के निर्देश पर रेड डालकर कई अपराधियो को पकडा था ! लेकिन मूल पुलिस मूकदर्शक ही साबित हुई !
अचरज भरी बात तो यह है के किसी बंडू नामक शख्स के घरमे येजगांव मे
बुधवार दिनांक 19 जून को
अवैध दारू आणि माजा , गुटका पकडा गया था लेकिन उसपर केस नही बनाते हुवे उसे गिरफ्तार नही करते हुवे छोड़ दिया गया था !? आखिर उसको छोड देनेकी वजह क्या थी ? उसपर जीपमे जाकर रेड मारने वाले कौन थे ? आखिर उससे मलाई खाकर छोडने वाले कौन थे ?
अबतो मूलमे सरेआम गुंडागर्दी मारपीट होने लगी है ! लेकिन मूल पुलिस दल उनके खिलाफ कार्यवाही करना तो दूर रहा उन तत्वों के खिलाफ शिकायतकर्ता की रिपोर्ट तक नही ली गई और नाही उसका मेडिकल किया गया !
जबके मारपीट का इतना बडा कारनामा मूल पोलिस स्टेशन से चंद फासले की दूरी पर ही दिनांक 2 जून को श्रीमती चंदा बाई अरविंद कारेकर के बेटे पर हमला किया गया उसे बुरी तरहसे मारा पीटा गया !
चंदा बाई की बेटी मृणालि अरविंद कारेकर ने मूल पोलिस स्टेशन में जाकर जबानी रिपोर्ट दर्ज करवाई ! लेकिन मूल पुलिसने रिपोर्ट में ना तो उसके भाई को की गई मारपीट का जिक्र किया और नाही मारपीट करनेवालों नाम एफ आई आर में दर्ज किये गये और नाही उसके भाई को इतनी चोटें होनेपरभी उसका मेडिकल तक करवाना जरूरी नही समझा गया !
याने हमलावरों को पूरी तरहसे बचाने का खेल मूल पुलिस ने खेला ! जबके श्रीमती चंदा बाई कारेकर का कहना है के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सी सी टीव्ही कैमरे देखे जाये तो उसके बेटे को की गईं मारपीट की और हमलावरों की सच्चाई साफ दिखाई देंगी !
चंदा बाई ने बतलाया कि ” मूल पोलिस स्टेशन के निरीक्षक जब उनके घर आये तो उल्टे उनके भुक्तभोगी बेटे को ही धमकाने लगे के तू शराब बेचता है तेरेको अंदर कर दूंगा ? ”
” जबके पूरे मूल वासियोंको पता है के नेतागिरी की आडमे पूरी तहसील भरमे अवैध शराब का लाखोंका कारोबार कौन करता है ? ”
मूल पुलिस से न्याय नही मिलने के कारण श्रीमती चंदा बाई कारेकर अपने बेटे को साथमे लेकर दिनांक 25 जून 2024 को चंद्रपुर जिलेके पालक मंत्रि तथा महाराष्ट्र के वने , सांस्कृतिक कार्ये , मत्स्यव्यवसाय मंत्री नामदार श्री सुधीर भाऊ मुनगंटीवारजी से और और जिला पुलिस अधीक्षक सुदर्शन मुमक्का जी से मिलकर लिखित शिकायत निवेदन उन्हें दिया और उनपर मूल पुलिस के द्वारा किये गये अन्याय की आपबीती बतलाने पर पालकमंत्री सुधीर भाऊ ने पोलिस अधीक्षक के नामसे पत्र देकर प्रकरण की जांचपडताल करके नियमानुसार उचित कार्यवाही करके अहवाल भेजने कहा !
उसी तरहसे जिला पोलिस अधीक्षक सुदर्शन मुमक्का जी ने भी मूल पोलिस निरीक्षक को श्रीमती चंदा कारेकर द्वारा दिये गये निवेदन को भेजकर उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया है !
मूल तहसील भरमे बेख़ौफ होकर चलाये जारहे दो नंबरीयों के सभी अवैध कारोबारों से ऐसा महसूस होता है के मूल तहसील उनकी पनाहगाह बनी हुवी है ? आखिर इसका राज क्या हो सकता है ? यह भी गंभीर जाँच का विषय है !?