*14 फरवरी को वैलेंटाइन डे न मनाते हुए मातृ-पितृ पूजन कर यह दिवस मनाए क्योंकि प्रेम तो पवित्र होता है । इस आह्वान को लेकर जोधपुर कारागार में बंद संत श्री आशाराम जी बापू के आश्रम द्वारा संचालित श्री योग वेदांत सेवा समिति मूल के तत्वावधान में महिला उत्थान मंडल व युवा सेवा संघ के सहयोग से सांस्कृतिक जन जागृति वाहन बाईक यात्रा निकाली गई। यह यात्रा भारत राईस मिल से ताडा़ला रोड होते हुए रेस्ट हाउस रोड़ से गांधी चौंक से बस स्टाप होते हुए चंद्रपुर रोड़ होते हुए सोमनाथ रोड़ से नागपुर होते हुए भारत राइस मिल में श्री योग वेदान्त सेवा समिति संत्सग हॉल में समापन हुआ । यात्रा में शामिल लोगों द्वारा मूल शहर के लोगों से अपील की जा रही थी कि 14 फरवरी को सभी अपने माता पिता का पूजन करके सच्चा प्रेम दिवस मनाएँ क्योंकि प्रेम तो पवित्र होता है । ‘भूलों तुम सभी को मगर मां बाप को भूलना नहीं उपकार अगणित ये बात तुम भूलना नहीं’, सभी धर्मों की एक ही पुकार, माता पिता का हो सत्कार आदि श्लोगनों द्वारा चेतना जगाई जा रही थी । बापूजी के साधक भक्तों का कहना था कि ” हमारे गुरुदेव पूज्य बापूजी भले कारागार में हैं, परंतु यह कार्यक्रम पिछले 15 वर्षों से बापूजी की पावन प्रेरणा से आश्रम द्वारा संचालित हो रही है और अब यह विश्वभर के 167 देशों में फैल चुका है ” !*
*देश के कई केंद्रीय मंत्री, सांसद व कई राज्य मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने इस कार्यक्रम की सराहना व प्रोत्साहन किया है । हमारे पाश्चात्य अंधानुकरण के दुष्प्रभाव का परिणाम प्रेम दिवस के नाम पर विदेशी गंदगी ‘वेलेंटाइन डे’ हमारे देश के बच्चों व युवा पीढ़ी को खोखला(चरित्र भ्रष्ट) कर रही है, हमारे देश की बाल व युवा पीढ़ी वास्तविक सच्चा प्रेम की नासमझी के कारण विकारी आकर्षणों, अश्लीलता एवं व्यवसनों में फँस के विकृत मानसिकता वाली बन रही है एवं तन मन से रोगी, तनावों व चिंता, अवसाद से ग्रस्त होकर तबाही व व्यवसन की ओर जा रही है… इसी का दुष्परिणाम है कि हमारे देश में भी विकास वाद के नाम पर विदेशी कुसंस्कारों से प्रभावित लोग अपने माँ बाप को वृध्दाश्रमों में धकेल रहे है । कई युवा आत्महत्या बालात्कार जैसे घोर दुष्कृत्य पाप करने लग गए हैं, इसतरह से आज विश्व भर को सीख देनी वाली हमारी सनातनी परिवार व समाज व्यवस्था खोखला हो रही है, स्थिति दयनीय है । भारतीय संस्कृति के जड़ें काटने का भयंकर षड्यन्त्र चल रहा है । इस षडंयत्र से हम सभी सज्जनों को सचेत रहना होगा ! हमारी सांस्कृतिक धरोहरों व पारिवारिक व्यवस्था की रक्षार्थ हेतु धर्म पंथ जाति से उठकर आगे आना होगा ।*
*इस कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर दिनांक14 फ़रवरी को सच्चा प्रेम दिवस माता पिता का पूजन करके व आदर सत्कार कर आशीर्वाद लिया गया !*
*समिति से जुड़ें लोगों द्वारा मूल शहर व चंद्रपुर जिला के कई शहरों कस्बों गाँवों के विद्यालयों व मुहल्लों (गलियों) में भी सामूहिक कार्यक्रम का व्यापक आयोजन किया गया था ।*
*मातृ -पितृ दिन के उपलक्ष मे स्व. टेकचंद मूलचंदानी परिवार के तरफसे शहरमे चावल-दाल -बैगन की सब्जी और मिठेमे गुलाब जामुन प्रसाद के तौर पर खिलाया गया !*