*( प्रेमदास बांगडे सौंसर द्वारा साभार प्राप्त )*
सौंसर – देश के मध्य भाग में स्थित मध्यप्रदेश का नाम लिया की आंखों के सामने बरबस ही मामा के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर सामने आने लगती है जो न जाने अपने भांजा-भांजीयो के लिए कितनी योजनाओं का ढींढोरा पीटते नही थकते उसी मामा के राज में गत एक वर्ष से रहस्यमय तरीके से लापता हुई नगर की एक नाबालिग छात्रा की खोजबीन करने में मामा उर्फ शिवराज सिंह चौहान का पुलिस प्रशासन नाकारा साबित होकर रह गया है तो इधर नाबालिग छात्रा का पिता मुख्यमंत्री से लेकर संत्री तक और मानवाधिकार आयोग से लेकर संबंधित उच्च अधिकारियों तक अपनी बेटी की तलाश का आवेदन दे देकर थक चुके हैं छात्रा के पिता ने संदेह के आधार पर तथाकथित कुछ लोगों के नाम भी पुलिस को बताया किन्तु बताया जाता है कि चुल्हे तक की राजनीति करने वाले तथाकथित कुछ निकम्मे नेताओं के कारण खोजबीन थंडे बस्ते में चली गई इधर पुलिस प्रशासन अब तक यह पता लगाने में नाकाम रहा कि उक्त छात्रा जिंदा है भी है की नही? अगर जिंदा है तो उस छात्रा को आसमान खा गया की जमीन निगल गई बताने में असमर्थ नजर आ रही
घटना एक नजर में
नगर के वार्ड क्रमांक एक निवासी राजू चौधरी की पुत्री माधुरी उम्र 17 वर्ष गत वर्ष 18 जून 21 से अब तक रहस्यमय तरीके गायब हुई है 17 वर्षीय माधुरी आज से लगभग एक वर्ष पहले घर से स्कूल जाने के बहाने निकली थी उस समय दोपहर 11-12 बजे स्कूल किताबे वापसी करने निकली माधुरी ने आसमानी कलर की कुर्ती एवं नीला चौकडी कलर का सलवार पहने हुए थी जिसकी ऊंचाई करीब 5 फीट तथा कलर गेहुंआ एवं दुबली-पतली हैं जो आज दिनांक तक घर नहीं लौटी उसके पिता ने इधर-उधर, नाते-रिश्तेदारों, पारिवारिक मित्रों, सहपाठियों में खोजबीन करने के बाद 22 जून 21 को स्थानीय सौंसर पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की शिकायत उपरांत पुलिस द्वारा साइबर की सहायता से खोजबीन करने की नाकाम कोशिश की न्याय नहीं मिलने पर माधुरी के पिता द्वारा मानवाधिकार आयोग से लेकर पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारियों तक शिकायतें की मामले में पिता द्वारा पड़ोसी के उपर अपहरण किए जाने की आशंका व्यक्त की बावजूद माधुरी का कहीं अता पता नहीं लग सका है ऐसे में परिवार आज भी अपनी पुत्री की वापसी का इंतजार कर रहा है
कहीं अपहरण की शिकार तो नहीं हुई माधुरी.?
देश दुनिया में हो रहे अपराधिक घटनाओं में को लेकर माधुरी का अपहरण होने का शक की सुई दौड़ती हैं कि कहीं माधुरी का अपहरण तो नहीं हो गया? इस बात को बल इसलिए भी मिलता हैं कि इस घटना को एक वर्ष का समय बीतने को हैं इसके बावजूद भी माधुरी का परिजनों से संपर्क नहीं करना कहीं ना कहीं इस घटना में अपहरण कर बेचे जाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है इसके पूर्व भी जिले में नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर बेचे जाने की ऐसी कई घटनाएं जिले में हो चुकी है इसमें भोली भाली लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाने का मामला उजागर हुआ है ऐसे में प्रश्न निर्माण होता है कि क्या माधुरी भी ऐसे किसी षड्यंत्र का शिकार हुई है?
जमीन खा गई की आसमान निगल गया ?
उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में एक-देड दशक पूर्व तथाकथित कुछ लोग लडकी के परिजनों को बहला-फुसलाकर शादी का प्रलोभन देकर भींड, मुरैना ग्वालियर झांसी सहीत समीपवर्ती राज्यों में बेचकर वेश्यावृत्ति के धंधे में ढकेला जा चुका है तत्कालीन पुलिस अधिकारीयों की सुझ बुझ और उस्सुकता ने ऐसे ही एक मामले को उजागर किया गया था पुलिस द्वारा संदेह के आधार पर शहर की एक युवती को वेश्यावृत्ति के धंधे में जाने से पहले ही वापस लाया था ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वह गीरोह एक बार फिर क्षेत्र में सक्रिय तो नही हो गया?
*देखी नही जाती मा-बाप की हालत*
लगभग एक वर्ष से लापता अपनी बेटी की तलाश में एक मा-बाप जितनी तलाश कर सकते थे कर रहे हैं जो जैसी सलाह देता है तुरंत अपने काम-धंदे छोड उसकी सलाह पर अमल करने चल पडते है इधर ऎसा कोई सप्ताह नही गुजरता जहां बडी आस से थाने में जाकर अपनी बिटिया के बारे में पूछताछ न करते हो किन्तु सिवाय आश्वासन और दिलासा के थाने से समाधानकारक जवाब ही हाथ नही लगता
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
गुमशुदगी के इस प्रकरण में अनुविभागीय पुलिस अधिकारी एस पी सिंह का कहना है हमारे द्वारा 4 जुलाई 2021 को प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए संदेह के आधार पर इधर-उधर तप्दीश की गई इस मामले को सुलझाने में साइबर सेल का भी सहयोग लिया गया सफलता अर्जित नहीं होने पर आई पी सी की धारा 363 के तहत मामले की विवेचना की जा रही तो इधर सौंसर थाना प्रभारी रघुनाथ खातरकर का कहना है कि माधुरी के गुमशुदगी के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए उसके खोजबीन हेतु दस सदस्यीय टीम का गठन किया गया है जिनके द्वारा समय सुचकता के साथ माधुरी की खोजबीन की जा रही है निश्चित ही सफलता हासिल होगी
*और आखिर में पुलिस को कटघरे में खड़ा करेगा पिता*
विगत एक वर्ष से लापता पुत्री के तलाश में जुटे पिता की थाने के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते चप्पल घीस गई किन्तु ना पुलिस प्रशासन उनकी बेटी की खोजबीन करने में कामयाब नजर आ रहे और ना ही पिता को तसल्ली देने में सफल नजर आ रहे हैं की उनकी बेटी जिंदा है भी कि नही सिर्फ एक ही रटा-रटाया जवाब दिया जाता है कि तलाश जारी है परिणामतः हताश पिता अब न्यायालय की शरण में जाकर पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा करने का मानस बना चुका है जिसके लिए कागजी दस्तावेज जुटाने का प्रयास पिता द्वारा किया जा रहा है क्षेत्र के इतिहास पर नजर डालें तो यह पहला मौका होगा कि पुत्री के तलाश में नाकाम रहे पुलिस प्रशासन को न्यायालय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा !
विगत एक वर्ष से अपनी बेटी के लापता रहनेसे विचलित बेचैन माता पिता ने आनेवाले सोमवार से सौंसर पोलिस स्टेशन के सामने बेमियादी अनशन करने की बात कही है!