ब्युरो चीफ : अशरफभाई मिस्त्री
शिवराज सिंह जी ने ट्वीट कर बेटे को बधाई दी और लिखा कि प्रिय बेटे कार्तिकेय कल मेने दीक्षांत समारोह का वीडियो देखा,जिससे मेरा मन आनंद व गर्व से भर गया_ 🤗
आगे लिखते हैं कि ये अवसर मेरे लिए एक ऐतिहासिक है और मैं एक काबिल पिता साबित हुआ।……..🤗
अब C.M.साहब के इस ट्वीट पर लोगों ने रीट्वीट किया..😳
एक व्यक्ति ने लिखा……. शिवराज सिंह जी आप एक आदर्श पिता साबित हुए।आप चाहते तो कार्तिकेय को संस्कृत में PHD भी करा सकते थे,गौरक्षक भी बना सकते थे, बजरंग दल ज्वाइन करा सकते थे, हथियारों की ट्रेनिंग लेने भेज सकते थे। पर आपने ऐसा नहीं किया, आपसे सबको सीखना चाहिए। कार्तिकेय को बधाई 🥺
मिश्रा जी लिखते हैं…. शिवराज जी आपने अपने बेटे को न सरस्वती शिशु मंदिर में पढाया, न हिन्दी मिडियम में भेजा, न शाखा में भेजा, न जुलूस में भेजा, न हथियारों की ट्रेनिंग दी 🤔
ऐसा न करने के लिए आपको बधाई, आप एक समझदार पिता साबित हुए 🥺
_प्रशांत टंडन जी लिखतें हैं बधाई हो शिवराज सिंह जी आपने अपने बेटे को दंगाई नहीं बनाया, बल्कि विदेश में पाश्चात्य संस्कृति में पढाकर कानून की डिग्री दिलवाई। दंगें-फसाद में केवल मूर्ख ही अपने बच्चों को भेजतें हैं और उनका जीवन बर्बाद करतें हैं_ 😐
किसान नेता अभिमन्यु कोहार लिखतें हैं… किसान,मजदूर और साधारण जनता के बच्चों को ये राजनेता हिन्दू-मुसलमान, आरती-अजान में उलझा कर रखतें हैं और इनके बच्चें विदेशों में पाश्चात्य संस्कृति जीतें और वहीं पढाई करतें हैं 😳
अगर धर्म वाकई खतरे में हैं,तो इन नेताओं के बच्चे धर्म की रक्षा क्यों नहीं करते हैं…? 🤔
शर्मा जी लिखतें हैं… काश देश का हर बाप आप जैसा होता, वरना कुछ बाप तो अपने बेटे को मस्जिद के आगे तलवार लहराने व उस पर झंडा फहराने के लिए भेज देतें हैं और कुछ बाप अपने बच्चों को हरा-भगवा करने व किसी के घर जलाने के लिए भेज देतें हैं। मगर आपने अपने बेटे को विदेश में पढने भेजा, आप एक काबिल पिता साबित हुए 😎
दिलीप मंडल लिखतें हैं…… शिवराज सिंह जी अपने बेटे कार्तिकेय को आईटी सेल में भेजकर गाली गलौज भी करवा सकते थे, मंदिर-मस्जिद कि खुदाई भी करवा सकते थे, हिन्दू-मुस्लिम भी करवा सकते थे, जुलूस में भी भेज सकते थे,नारे भी लगवा सकते थे, भगवा धारण भी करवा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वो एक अच्छे पिता साबित हुए और हर पिता को अच्छा पिता बनना चाहिए। बच्चों कि शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। शिवराज सिंह जी का जीवन ही उनका संदेश है,उनकी बातों पर न जायें।उनके जीवन से हर किसी को सीखना चाहिए 🙄
_आखिर में किसी सज्जन ने लिखा है…._
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क्या सोच के तूने ऐसी दूनियाँ है बनाई, कोई खाए डेढा,किसी को न मिले चौथाई
इनके बच्चे करें, विदेशों में जाके पढाई, और उनके बच्चे बने, सड़कों पर दंगाई
साँच को आँच नहीं
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